safar ki dua in hindi
दोस्तों आज हम आपको safar ki dua बताएंगे जिसको पढ़कर आप आसानी से किसी भी सफर में जा सकते हो।
सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबून.
अल्लाह ताला पाक है जिसने इस सफ़र को हमारे कब्जे में दे दिया, उसकी कुदरत के बिगैर हम इसपर काबू नहीं कर पाते।
safar ki dua in Arabic | सफ़र की दुआ अरबी में
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيم
.سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَـٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ وَإِنَّا إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنقَلِبُونَ
اللہ تعالٰی پاک ہے! جس نے یہ سفر ہمارے کنٹرول میں دیا ہے ، اس کی قدرت کے بغیر ہم اس پر قابونہیں پا سکتے تھے۔
safar ki dua in English | सफ़र की दुआ इंग्लिश में
Subhanallazi Sakhkharlanaa Haaza Wamaa Kunna Lahu Muqrineen Wa Inna ilaa Rabbina Lamun Qaliboon.
Allah is Pak, who has given this journey under our control, without his nature we would not have been able to control it.
safar ki dua in hindi
सफ़र में जो बातें सुन्नत हैं वो यहाँ पर बताई गई हैं
- जुमेरात के दिन सफर शुरू करना पसंदीदा (पसंद किया गया) है (बुखारी शरीफ)
- सुबह सवेरे सफर करना मुबारक (बरकत का सबब ) है (मिशकात शरीफ)
- जोहर के बाद सफर करना भी नबी करीम (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) से साबित है आप ने हज्जतुल विदा के सफर के लिए निकले थे तो उस सफ़र की इब्तिदा जोहर के बाद फरमाई (बुखारी शरीफ)
- बेहतर है कि सफर से पहले कोई बेहतर रफीक़े सफर (साथी) तलाश कर लिया जाए ताकि वह जरूरत के वक्त मददगार और सामान की हिफ़ाज़त करने वाला हो
- जब सफर में कई साथी हो तो बेहतर है कि उनमें जो शख्स सबसे ज्यादा समझ बूझ रखता हो उसे अमीर बना लिया जाए|
- सफर के लिए घर से निकलने से पहले 2 रकात नफ्ल पढ़ना मनून है नबी अकरम (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) ने इरशाद फरमाया : घर से निकलते वक्त 2 रकात नमाज पढ़ लो तो सफर की तमाम ना पसंदीदा बातों से महफ़ूज़ रहोगे (बुखारी शरीफ)
- जब कोई सफर के लिए घर से निकले तो उसके घर वाले या रिश्तेदार उस से यह दुआइया कलमात कहें
- सफर में जाने वाले से दुआ की दरखास्त भी साबित है इसलिए कि मुसाफिर की दुआ कबूल होती है
- अगर कोई दुश्वारियां या उज्र ना हो तो सफर में बीवी को साथ जाना मनून है इसमें आसानी के साथ नफ्स की भी हिफाजत रहती है
- जब काम पूरा हो जाए तो जल्द से जल्द सफर से वापस हो ना चाहिए (बुख़ारी शरीफ़ )
- सफ़र से वापसी पर घर वालों के लिए कुछ तोहफा और हदिया लाना सुन्नत है
- वापस होकर मस्जिद में जाकर या अपने घर में 2 रकात नमाज पढ़ना सुन्नत है
- सफ़र से वापसी पर मुआक़ा (गले लगना) सुन्नत है
- सफर की दुआ और सफ़र की हालत में ज़िक्रो अकार व मसरूफियत में वक्त गुजारना चाहिए क्यूंकि एक रिवायत में है कि जो शख्स सफर में जिक्र में लगा रहता है तो फरिश्ते उसके हमसफर होते हैं और अगर इस के अलावा बेकार चीज़ों में मशगूल होता है तो शैतान उसके सफ़र का साथी बन जाता है
safar करने से पहले, सफर की नियत करना इस्लाम में एक पत्ता अमल माना गया है. इसके अलावा अपनों से मुलाकात करना भी सुन्नत माना गया है | सुब्हान अल्लाह! अल्लाह से दुआ है के आप लोगों का सफ़र हमेशा खुशगवार और खैर व आफियत से गुजरे। आप लोगों से गुज़ारिश है के हमे अपनी दूआओं में याद रखें।
हमने किसी भी गलती से बचने की पूरी कोशिश की है, लेकिन अगर किसी को safar ki dua या अनुवाद में कोई गलती मिलती है या कोई और गलती है तो हमें ज़रूर बताएं ताकि हम उसके अनुसार बदलाव कर सकें।
प्यारे दोस्तों अगर आपको इस website से थोड़ी सी भी मदद मिली है तो हमें कमेंट में ज़रूर बताएं| अस्सलामुअलैकुम वरहमतुल्लाहे व बरकातहू !
FAQ
सफर की दुआ कौन सी है?
सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबून.
अल्लाह ताला पाक है जिसने इस सफ़र को हमारे कब्जे में दे दिया, उसकी कुदरत के बिगैर हम इसपर काबू नहीं कर पाते। आमीन|
यात्री के लिए दुआ कैसे बनाते हैं?
आप किसी यात्रा (safar) पर जा रहे हैं तो अल्लाह ताला से ऐसे दुआ करें के अल्लाह ताला पाक है जिसने इस सफ़र को हमारे कब्जे में दे दिया, उसकी कुदरत के बिगैर हम इसपर काबू नहीं कर पाते। आमीन|
ट्रैवलिंग इंग्लिश के लिए दुआ क्या है?
Subhanallazi Sakhkharlanaa Haaza Wamaa Kunna Lahu Muqrineen Wa Inna ilaa Rabbina Lamun Qaliboon.
Allah is Pak, who has given this journey under our control, without his nature we would not have been able to control it.