gham ho gaye beshumar aaqa lyrics
gham hogaye be shumar Aqa (salla Llahu ‘alayhi wa sallam)
banda tere nisar aqa
bigra jata hai khel mera
aqa aqa sanwar aqa
majboor hai ham to fikr kia hai
tum ko to hai iqtiyaar aaqa
mai dur hoo tum to ho mere paas
Sun lo meri pukaar aqa
mujh sa koi gham zada na hoga
tum sa koi gham gusar aqa
manjhdaar pe aake naw tuti
de haat ke hoo mai paar aqa
halka hai agar hamara palla
bhari hai tera viquar aqa
tuthi jaati hai pith meri
lillah ye boj utar aqa
jis ki marzi khuda na taali
mera hai wo namodar aqa
kiya bhul hai inke hote kaha laiq
duniya ke ye tajidaar aqa
un ke adni gadha pe mit jaye
aise aise haazar aqa
itni rahmat RAZA pe karlo
la yaqrubu hul bawar aqa
gham ho gaye beshumar aaqa lyrics in hindi
ग़म हो गए बे-शुमार, आक़ा !
बंदा तेरे निसार, आक़ा !
बिगड़ा जाता है खेल मेरा
आक़ा ! आक़ा ! संवार, आक़ा !
मंजधार पे आ के नाव टूटी
दे हाथ कि हूं मैं पार, आक़ा !
टूटी जाती है पीठ मेरी
लिल्लाह ! ये बोझ उतार, आक़ा !
हल्का है अगर हमारा पल्ला
भारी है तेरा वक़ार, आक़ा !
मजबूर हैं हम तो फ़िक्र क्या है
तुम को तो है इख़्तियार, आक़ा !
मैं दूर हूं, तुम तो हो मेरे पास
सुन लो मेरी पुकार, आक़ा !
मुझ सा कोई ग़म-ज़दा न होगा
तुम सा नहीं ग़म-गुसार, आक़ा !
गिर्दाब में पड़ गई है कश्ती
डूबा डूबा, उतार, आक़ा !
तुम वो कि करम को नाज़ तुम से
मैं वो कि बदी को अ़ार, आक़ा !
फिर मुँह न पड़े कभी ख़िज़ाँ का
दे दे ऐसी बहार, आक़ा !
जिस की मरज़ी ख़ुदा न टाले
मेरा है वो नाम-दार आक़ा
है मुल्क-ए-ख़ुदा पे जिस का क़ब्ज़ा
मेरा है वोह कामगार आक़ा
सोया किये ना-बकार बंदे
रोया किये ज़ार-ज़ार आक़ा
क्या भूल है इन के होते कहलाएं
दुन्या के ये ताजदार आक़ा
उन के अदना गदा पे मिट जाएं
ऐसे ऐसे हज़ार आक़ा
बे-अब्र-ए-करम के मेरे धब्बे
‘ला तग़्सिलुहल-बिह़ार’, आक़ा !
इतनी रह़मत रज़ा पे कर लो
‘ला यक़रुबुहुल-बवार’, आक़ा