Qadam Hai Bilal Aaj Lyrics
क़दम है बिलाल आज चलने से आरी
लो अब अलविदा अलविदा है हमारी
ये लो मेरा क़ुरआन ये लो मेरी सुन्नत
ये दिखलायेगी तुमको अब राहे जन्नत
पड़े जो मुसीबत सबर तुम उठाना
मगर दिल किसी का ना हरगिज़ दुखाना
यही याद रखना नसीहत हमारी
लो अब अलविदा अलविदा है हमारी
अगर वहां ना हूँ तो कौसर पर मिलूंगा
मैं उम्मत को प्यासी जाने ना दूंगा
बुझाऊंगा मैं तिशना लबी को तुम्हारी
लो अलविदा अलविदा है हमारी
अगर वहां ना हूँ तो मिज़ान पर मिलूंगा
मैं बदियों के पल्ड़े को झुकने ना दूंगा
झुकाऊंगा पल्ड़ा नेकी का तुम्हारी
लो अब अलविदा अलविदा है हमारी
तुम्हें पुल-सिरात पे खुद आकर मिलूंगा
मैं उम्मत को उस पल गिरने ना दूंगा
करूंगा वहां निगेहदारी तुम्हारी
लो अब अलविदा अलविदा है हमारी
अगर वहाँ ना हूँ तो अरश पर मिलूंगा
मैं रो रो के हक़ से दुआ ये करूंगा
करूंगा वहाँ आह-ओ-ज़ारी तुम्हारी
लो अब अलविदा अलविदा है हमारी