Zinda Owais Qarni Ki Sunnat Karenge Ham Lyrics
Zinda Owais Qarni Ki Sunnat Karenge Ham
Bin Dekhe Mustafa Se Mohabbat Karenge Ham
ज़िन्दा उवैस-क़र्नी की सुन्नत करेंगे हम
बिन देखे मुस्तफ़ा से मोहब्बत करेंगे हम
Mahshar Me Muh Dikhane Ki Surat Karenge Ham
Har Dam Durood E Paak Ki Kasrat Karenge Ham
महशर में मुंह दिखाने की सूरत करेंगे हम
हर दम दुरूद-ए-पाक की कसरत करेंगे हम
Padhte Hi Kalma Hazrate Farooq Ne Kaha
Ailaniya Khuda Ki Ibadat Karenge Ham
पढ़ते ही कलमा हज़रत-ए-फ़ारूक़ ने कहा
ऐलानिया ख़ुदा की इबादत करेंगे हम
Ban Jaye Padh Le Dil Se Ghulam E Shahe Umam
Sarey Jahan Me Fir To Hukoomat Karenge Ham
बन जाए पढ़ ले दिल से गुलाम-ए-शाहे उमम
सारे जहां में फिर तो हुकूमत करेंगे हम
Ishqe Raza Ke Sadqe Me Dil Ko Yaqin Hai
Shahre Shahe Umam Ki Ziyarat Karenge Ham
इश्क़-ए-रज़ा के सदक़े में दिल को यक़ीन है
शहरे शहे उमम की ज़ियारत करेंगे हम
Dekha Hai Jisne Rouza E Mahboob E Kibriya
Qaule Nabi Hai Uski Shafa’at Karenge Ham
देखा है जिसने रौज़ा-ए-महबूब-ए-किब्रिया
क़ौल-ए-नबी है उसकी शफ़ाअत करेंगे हम
Ae Aansuon Tumhari Bhi Daawat Karenge Ham
Jab Rouza E Nabi ki Ziyarat Karenge Ham
ऐ आंसुओं तुम्हारी भी दावत करेंगे हम
जब रौज़ा-ए-नबी की ज़ियारत करेंगे हम